मै औ' तुम
मै औ' तुम
हमने चाहा था जीना तुम्हारे लिये,
रास आया न जीना कि मौत आ गयी।
इतनी गहरी थी खामोशी हम क्या कहै
डूब जाने से पहले ही मौत आ गयी।
जख्म गहरे थे इतने कि नासूर हो गये
इनके रिसने से पहले ही मौत आ गयी।
भूल जाना तुम्हें मेरे वस मे न था
याद करने से पहले ही मौत आ गयी।
हमने चाहा था कर लें हम पूजा तेरी
दीप जलने से पहले ही मौत आ गयी।
हंस लेते तेरे संग यूं हम जो कभी
मुस्कराने से पहले ही मौत आ गयी।
इस कद्र हमें मारा बेरुखी ने तेरी
तुझे चाहने से पहले ही मौत आ गयी।
गले लग कर तेरे रोया था मैं बहुत
सम्भलने से पहले ही मौत आ गयी।
निराश एसा जीना भी क्या जीना है
इस जीने से पहले ही मौत आ गयी।
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